मोतिहारी के टैक्स कंसल्टेंट व सबसे मुखर सोशल एक्टिविस्ट मनोज कुमार ने अभी हाल ही में रक्षाबंधन के दिन 26 अगस्त को गठित सीपीटीआई ( CPTI )चंपारण पॉलिटिकल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाया है…???
आइए गौर करते हैं किन किन बिंदुओं पर उन्होंने आपत्ति जताई है।
अपनी Facebook पोस्ट पर कहा है कि वह इस मिशन में बलि का बकरा नहीं बन सकते हैं यहां तक उन्होंने इशारा किया है कि कहीं ना कहीं उनके चेहरे को आगे करके उन्हें बली का बकरा बनाया जा रहा है, जिसे वे हरगिज बर्दाश्त नहीं कर सकते है।
वहीं दूसरी और उन्होंने लिखा कि जातिए एकजुटता से कोई शिक्षण या प्रशिक्षण नहीं हो सकता है मालूम हो कि 26 अगस्त को मोतिहारी के राजेंद्र नगर भवन में चंपारण पॉलिटिकल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की एक बैठक हुई थी जिसमें एक ही समुदाय की लोगों की संख्या काफी ज्यादा थी अतः उनका इशारा इसी और है कि कहीं यह जातीय रैली तो नहीं थी जबकि कार्यक्रम उन छात्रों के लिए था जो पॉलिटिकल ट्रेनिंग लेकर राजनीति में जाना चाहते हैं
अपने Facebook पोस्ट पर उन्होंने सी पी टी आई को संगठित जातीय गिरोह तक की संज्ञा दे डाली मनोज कुमार यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य चंपारण के छात्रों को शिक्षित करना कम बल्कि उल्लू बनाकर करोड़ों की ठगी करना एवं अपना उद्योग स्थापित करना है किंतु यहां उन्होंने यह जिक्र नहीं किया कि किस तरह का उद्योग स्थापित करना है कहीं ना कहीं शैक्षणिक उद्देश्य की ओर उनका इशारा था।
मोतिहारी की जानी-मानी समाज सेविका एवं अधिवक्ता ममता वर्मा की एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने लिखा है कि
सादर नमस्कार।
हमारा मानना था की युवाओं को प्रशिक्षित किया जाये,जिससे वो वर्तमान शासन तंत्र को चुनौती देते हुए अपने समसामयिक मुद्दों के साथ जनता के बीच जाये,चुनाव जीते,फिर सिस्टम मे प्रवेश कर सारी चीजों को ठीक करे।
आपका सारे तथ्यों का सम्मान है,आपकी चिंता भी जायज है,आपके सुझाव का स्वागत भी है।
लेकीन कोर कमेटी के हिडेन एजेंडा मे जातिय गिरोहबंदी की झलक दिखी,उद्देश्य से भटकाव चंपारण राजनैतिक प्रशिक्षण संस्थान के आड़ मे चंपारण के लोगों से 5-10 रूपये के पत्रिका के बेच सदस्यता शुल्क के रूप मे 100-100 रूपये वसूली करके जेब भरने का ठगी वाला धंधा दिखा,इसलिए मेरे जैसे लोगों का विरोध कर चंपारण के लोगों जागृत करना ज़रूरी हो गया ।
#मनोज कुमार जायसवाल टैक्स कंसलटेंट मोतिहारी ।
इस पूरे घटनाक्रम पर सबसे बड़ी बात यह रही की मनोज कुमार जिस चंपारण राजनीतिक शिक्षण संस्थान टीम के मेंबर उसके अन्य मेंबर की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है इस मुद्दे पर जबकि मनोज कुमार काफी मुखर हैं उस परिस्थिति में अन्य सदस्यों के भी सामने आना चाहिए एवं मनोज जी के तथ्य गलत है तो उसे सामने रखना चाहिए ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके।