मोतिहारी। दुनिया भर में परमाणु तस्करी के लिए कुख्यात पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक डॉ अब्दुल कादिर खान का रविवार को निधन हो गया वे 85 वर्ष के थे उनका जन्म अविभाजित भारत के भोपाल में 1936 में हुआ था बंटवारे के बाद उनका परिवार पाकिस्तान चला गया था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा पाकिस्तान में हुई थी उसके बाद उन्होंने जर्मनी से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।
बात 1998 की है जब पश्चिमी देशों के तीसरी आंख को फोड़ते हुए भारत ने राजस्थान के पोखरण रेंज में परमाणु विस्फोट करके पूरी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया था। दूसरी बार परमाणु विस्फोट करके दुनिया को चुनौती देने वाले भारत को परमाणु संपन्न होता देख उन्हीं दिनों यूरोप में यूरेनियम सेंट्रीफ्यूगल के क्षेत्र में कार्य कर रहे कादिर खान का राष्ट्रवाद उन्हें पाकिस्तान खींच लाया।
1998 में ही पाकिस्तान भी परमाणु परीक्षण करके इस्लामिक जगत का पहला परमाणु संपन्न मुस्लिम राष्ट्र बना। इसके साथ ही कादिर खान को पाकिस्तान के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया लेकिन अपने स्वभाव से कुख्यात इस पाकिस्तानी नागरिक ने ईरान लीबिया इराक एवं उत्तरी कोरिया को परमाणु तकनीकी संवर्धन डिजाइनिंग आदि में मदद भी की थी।
मालूम हो कि डॉक्टर खान कोरोना संक्रमित थे एवं उनका इलाज चल रहा था। शनिवार को उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने पर खान रिसर्च लैबोरेटरीज (KRL) अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन रविवार सुबह सात बजे उन्होंने अस्पताल में ही आखिरी सांस ली।
वही डॉक्टर खान के देहांत पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह देश के नागरिकों के हीरो थे उन्होंने पाकिस्तान को परमाणु संपन्न देश बनाया।
Deeply saddened by the passing of Dr A Q Khan. He was loved by our nation bec of his critical contribution in making us a nuclear weapon state. This has provided us security against an aggressive much larger nuclear neighbour. For the people of Pakistan he was a national icon.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) October 10, 2021
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आपको जानकर हैरानी होगी कि डॉ अब्दुल कादिर खान ने 1998 में पाकिस्तान ने परमाणु विस्फोट कराने के बाद। अपने पड़ोसी देश ईरान, लीबिया,इराक के साथ-साथ उत्तरी कोरिया को भी परमाणु संवर्धन डिजाइनिंग आदि में मदद करने के आरोप भी लगे थे। जिसे उन्होंने स्वीकार भी किया था। जिसके बाद अमेरिका ने उनपर प्रतिबंध भी लगाया था।
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