NTC NEWS MEDIA /जन्मदिन विशेष
शंकरदास केसरीलाल “शैलेन्द्र”
————————————–
आज “शैलेन्द्र” के जन्मदिवस पर उनको एक सादर फ़िल्मी श्रधांजलि (30 अगस्त 1923-14 दिसंबर 1966)।। ✍️????
जब पान खाते हुए देसी सैयां के जूते जापानी हो जाये, जब पापी बिछुआ आवारा बन के चढ़ जाए, जब दिल गाता रहे कि आज फिर जीने की तमन्ना है, जब रात रुक जाए और खोया-खोया चाँद भी ठहर जाए, जब दिन ढल जाए पर हवा झूमती चली जाए, जब पिया से नैना लगा के मन मगन नाचे, जब किसी की मुस्कुराहटों पे निसार होने का मन करे, जब दिल का हाल सुने दिलवाला कि हर दिल जो प्यार करेगा वो गाना गायेगा, जब थक के घर जाते हुए रात के हमसफ़र भी गुनगुनाये की प्यार हुआ इक़रार हुआ, जब दोस्त दोस्त ना रहे और दिल कहे ये क्या से क्या हो गया ,जब कहीं कोई अनाड़ी दीवानगी से गाये सजन रे झूठ मत बोलो कि रमैया वस्तावैया तो समझना “शैलेन्द्र” का कोई नग़मा अपने सुरमयी आशीर्वाद युक्त शब्दों से हवा में खुशबू बिखेर रहा है । “शैलेन्द्र” के लिखे शब्दों के संसार में हीं जीने-मरने की ख़्वाहिश लिए ये आवारा दिल बार-बार कहता है ‘आज फिर जीने की तमन्ना है……………………….
अंशु